ये साल सभी के लिये काफी मुश्किल समय था। लॉकडाउन, महामारी,कितने लोगों की नौकरी चली गयीं,कितने लोगों के अपने बिछड़ गये,लोगों के काम काज भी थप्प पड़ गये और भी बहुत कुछ लोगों ने मुश्किलों का सामना किया ,नया साल आने में अब कुछ घन्टे रह गये हैं तो कैसे 2020 को विदा करें और कैसे नये साल का स्वागत करें?
इसको हम ऐसे सोच सकते हैं जैसे महाभारत युद्ध 18 दिन तक चला उस युद्ध में भगवान अर्जुन के सारथी बने और युद्ध के बाद प्रभु द्वारका लौट आये पर भगवान भी कभी कभी अपनी लीला का संहार करना पड़ता है, कभी-कभी भगवान को अपने बनाये हुए का ही संहार करना पड़ता है जैसे कर्ण,भीष्म,दुर्योधन,द्रोणाचार्य आदि,कितने लोगों का तिरोभाव हो गया उस समय,भगवान वहीं मौजूद थे और ऐसे ही कोरोना काल में भगवान मौजूद थे अब अपनी लीला को समेट के भगवान द्वारका जा रहे हैं ।कि महाभारत हो गया अब भगवान द्वारका जा रहे हैं तो अब इससे तो हमारा काम नहीं चलेगा तो हमको कुन्ती जी तरह पैर पकड़ लेने चाहिये प्रभु मुझको कष्ट देते रहना ताकी मैं आपको भूलूँ नहीं।ऐसे विदा करना चाहिये इस साल को।
स्वागत कैसे करें नये साल का?
द्वारका जाने के बाद प्रभु ने जैसे हनुमान जी को बुलाके सुदर्शन जी का,गरुण जी का और सत्यभामा जी का अभिमान चूर किया था तो भगवान से प्रार्थना करें हे प्रभु नव वर्ष हमारा ऐसा आये कि हमारा जो अभिमान है ना वो वैसे ही टूट जाये जैसे सुदर्शन जी का,गरुण जी का और सत्यभामा जी का टूट गया वैसे ही मेरे समस्त अभिमान गला दीजिये और भगवान का नाम लेते हुए नये साल का स्वागत करें।
प्रेरणास्त्रोत – विनय दादा
आप सभी को आने वाले नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
श्री राधे
अदिति